भारतीय मूल की शैलजा पाइक को उल्लेखनीय कार्य के लिये अनुदान

शैलजा पाइक को 8 लाख डॉलर का अनुदान दलित महिलाओं पर शोध के लिए प्रोफेसर शैलजा पाइक को मैकआर्थर फाउंडेशन से अनुदान मिला।

शोध का फोकस पाइक का काम जातिगत भेदभाव और दलित महिलाओं के अनुभवों पर केंद्रित है।

तमाशा कलाकारों पर शोध पाइक का हालिया प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के दलित महिला तमाशा कलाकारों पर आधारित है।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि पाइक ने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और वारविक विश्वविद्यालय से पीएचडी की।

समाज में योगदान यह अनुदान पाइक के लिए दलित महिलाओं के मुद्दों को उठाने का एक बड़ा अवसर है।

शैलजा पाइक के शोध से दलित महिलाओं के अधिकारों को नई दिशा मिल रही है। इस बदलाव का हिस्सा बनें और जागरूकता फैलाने में मदद करें