Kati Patang film 1971 se jude kisse

कटी पतंग: एक यादगार फिल्म की अनकही कहानी

First view: कटी पतंग, 1971 में रिलीज़ हुई एक ऐसी फिल्म है जिसने न केवल बॉलीवुड को अपने संगीत और कहानी से समृद्ध किया, बल्कि इसने राजेश खन्ना, किशोर कुमार और आर.डी. बर्मन की तिकड़ी को भी स्थापित किया। आप पढ़ रहे हैं लेख, Kati patang film 1971.

यह फिल्म न सिर्फ अपने समय की सुपरहिट फिल्म थी, बल्कि इसकी पृष्ठभूमि में छिपी कहानियां भी बेहद दिलचस्प हैं।

आइए, इस फिल्म के बारे में कुछ रोचक तथ्यों पर नजर डालते हैं।

Kati patang film 1971की कहानी

कहानी की शुरुआत: कॉर्नेल वूलरिच से गुलशन नंदा तक

कटी पतंग की कहानी की शुरुआत अमेरिकी नोवेलिस्ट कॉर्नेल वूलरिच के उपन्यास “आई मैरिड ए डैड मैन” से हुई।

यह उपन्यास 1948 में प्रकाशित हुआ था। इसी कहानी पर हॉलीवुड में “नो मैन ऑफ हर ऑन” नाम की फिल्म बनी, जो 1950 में रिलीज़ हुई। इस फिल्म से प्रेरित होकर हिंदी साहित्य के मशहूर लेखक गुलशन नंदा ने “कटी पतंग” नाम से एक उपन्यास लिखा। बाद में, इसी उपन्यास पर निर्देशक शक्ति सामंत ने फिल्म बनाई, जो आज भी याद की जाती है।

कास्टिंग की दिलचस्प कहानी

कटी पतंग की कास्टिंग की कहानी भी कम रोचक नहीं है। शर्मिला टैगोर ने दावा किया है कि शक्ति सामंत ने पहले यह फिल्म उन्हें ऑफर की थी। हालांकि, उस समय वह गर्भवती थीं, जिसके कारण वह फिल्म में काम नहीं कर सकीं। वहीं, आशा पारेख ने अपनी आत्मकथा “द हिट गर्ल” में लिखा है कि शक्ति सामंत उन्हें फिल्म में लेना नहीं चाहते थे। इसकी वजह यह थी कि आशा पारेख ने पहले शक्ति सामंत की फिल्म “अराधना” में काम करने से इनकार कर दिया था।

लेकिन, शक्ति सामंत के बेटे असीम आशा पारेख के बड़े फैन थे।

उन्होंने ही अपने पिता से आशा पारेख को फिल्म में कास्ट करने के लिए कहा। इस तरह, आशा पारेख को फिल्म में मौका मिला।

फिल्म में प्रेम चोपड़ा और बिंदू की कास्टिंग की कहानी भी काफी दिलचस्प है।

1969 में रिलीज़ हुई फिल्म “दो रास्ते” में प्रेम चोपड़ा और बिंदू ने शानदार अभिनय किया था।

शक्ति सामंत ने इस फिल्म को देखकर ही उन्हें कटी पतंग में कास्ट किया।

क्या आपने देखी है Kati patang film 1971 हिट फिल्म।

राजेश खन्ना, किशोर कुमार और आर.डी. बर्मन की जादुई जोड़ी

कटी पतंग वह फिल्म है जिसने 70 के दशक में राजेश खन्ना, किशोर कुमार और आर.डी. बर्मन की तिकड़ी को स्थापित किया। फिल्म के संगीत की बात करें तो राजेश खन्ना ने यह शर्त रखी कि उनके गीत केवल किशोर कुमार ही गाएंगे।

हालांकि, फिल्म में मुकेश का गाया एक गीत “जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा” भी शामिल है।

इस गीत के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि इस गाने की शूटिंग की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, लेकिन किशोर कुमार विदेश चले गए थे।

इस वजह से यह गीत मुकेश से गवाया गया।

Kati patang film 1971 के गीत आज भी सुने जाते हैं।

फिल्म का संगीत और सफलता

कटी पतंग का संगीत आर.डी. बर्मन ने तैयार किया था, जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

फिल्म के गाने जैसे “ये शाम मस्तानी”, “जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा”, और “चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना” आज भी लोकप्रिय हैं।

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फिल्म 29 जनवरी 1971 को रिलीज़ हुई थी और उस साल की टॉप फिल्मों में से एक थी।

हालांकि, फिल्म के बजट और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह फिल्म अपने समय की सुपरहिट फिल्मों में शामिल थी।

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Opinion

अंत में हमारा ओपिनियन, कटी पतंग न केवल एक फिल्म थी, बल्कि यह एक युग की शुरुआत थी।

इस फिल्म ने राजेश खन्ना, किशोर कुमार और आर.डी. बर्मन की तिकड़ी को स्थापित किया और बॉलीवुड को कुछ यादगार गाने दिए।

फिल्म की कहानी, कास्टिंग और संगीत ने इसे एक क्लासिक बना दिया।

आज जब कटी पतंग के 54 साल पूरे हो गए हैं, तो यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे एक साधारण कहानी को एक असाधारण फिल्म में बदला जा सकता है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे लाइक और शेयर करें।

कमेंट करके बताएं कि आपको कटी पतंग फिल्म कैसी लगी।

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Kati patang film 1971

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साभार: लेख की अधिकांश जानकारी प्रसिद्ध यू टयूब चेनल फिल्मी किस्से बाय राकेश के एक बहुत अच्छे वीडियो से साभार।

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