मकर संक्रांति 2025 : परंपरा, महत्व और शुभकामनाएँ
First view: मित्रों, आप सभी को मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनाएं। आज के लेख में इस विषय पर चर्चा है। आशा है यह लेख आपको अवश्य पसंद आयेगा। भारत त्योहारों का देश है, और मकर संक्रांति उन महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में भव्यता और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है और फसल कटाई का उत्सव है। 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। This is Makar Sankranti 2025 date and time. यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी खास महत्व रखता है। आप पढ़ रहे हैं लेख, Makar Sankranti 2025 Celebration.
मकर संक्रांति के विभिन्न नाम और परंपराएँ
मकर संक्रांति को भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना और मनाया जाता है।
- आंध्र प्रदेश: पेद्दा पांडुगा
- कर्नाटक और तेलंगाना: मकर संक्रांति
- तमिलनाडु: पोंगल
- असम: माघ बिहू
- बिहार: तिल सकरात या दही-चूड़ा
- ओडिशा: मकर चौला
- पश्चिम बंगाल: संक्रांति
- गुजरात और राजस्थान: पतंग महोत्सव International Kite Festival Gujarat 2025 का आयोजन शानदार तरीके से होता है।
- महाराष्ट्र: हल्दी कुमकुम
इन परंपराओं में भोजन, दान, पतंगबाजी, और पवित्र नदियों में स्नान की प्रमुखता है।
दोस्तों How to celebrate Makar Sankrantiअवश्य बतायें।
Makar Sankranti 2025 Celebration
2025 के शुभ समय
द्रिक पंचांग के अनुसार, 2025 में मकर संक्रांति पर निम्नलिखित शुभ समय होंगे:
- शुभ काल: सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक
- स्नान और दान का उत्तम समय: सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति को सूर्य की उपासना का पर्व माना जाता है। इस दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
- दान-पुण्य का महत्व:
- पवित्र स्नान:
- गंगा, यमुना, नर्मदा और कावेरी जैसी नदियों में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का साधन माना जाता है।
पतंगबाजी की परंपरा और महत्व
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो खासकर गुजरात और राजस्थान में व्यापक रूप से मनाई जाती है।
- स्वास्थ्य से जुड़ा पहलू:
- सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से विटामिन डी प्राप्त होता है।
- यह त्वचा और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव करता है।
- सामाजिक पहलू:
- पतंगबाजी से समाज में एकता और भाईचारे की भावना प्रबल होती है।
- गुजरात में “अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव” मनाया जाता है, जिसमें देश-विदेश के लोग हिस्सा लेते हैं।
- Above is Makar Sankranti festival traditions India.
Makar Sankranti 2025 Celebration
तिल-गुड़ का महत्व
मकर संक्रांति पर “तिलगुड़ घ्या, गोड़ गोड़ बोला” कहावत बहुत प्रचलित है। इसका अर्थ है कि लोगों को एक-दूसरे से मीठे शब्दों में बात करनी चाहिए और रिश्तों को मधुर बनाना चाहिए। तिल और गुड़ का संयोजन स्वास्थ्यवर्धक होता है और सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है। Read other Home & Kitchen Appliances related article.
मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व
यह त्योहार सर्दियों के समाप्त होने और गर्मियों के आगमन का प्रतीक है।
- सूर्य की स्थिति:
- इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है, जो शुभ माना जाता है।
- फसल का मौसम:
- किसान इस समय अपनी फसल काटते हैं और इसका उत्सव मनाते हैं।
मकर संक्रांति और परिवार का जुड़ाव
यह त्योहार परिवार और समाज को एकजुट करता है। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ इस दिन को मनाते हैं। सामूहिक भोज, दान, और पतंगबाजी जैसी गतिविधियाँ इस दिन को खास बनाती हैं।
Makar Sankranti 2025 Celebration
मकर संक्रांति के विभिन्न राज्यों में व्यंजन
- महाराष्ट्र: तिल-गुड़ लड्डू, पूरन पोली
- तमिलनाडु: पोंगल चावल
- बिहार और झारखंड: दही-चूड़ा, तिलकुट
- पंजाब: खिचड़ी और गुड़
इन व्यंजनों का स्वाद इस त्योहार को और भी खास बना देता है।
मकर संक्रांति पर शुभकामनाएँ
यह त्योहार शुभकामनाएँ देने का अवसर भी है। आप इन संदेशों का उपयोग अपने प्रियजनों को बधाई देने के लिए कर सकते हैं:
- “आपका जीवन तिलगुड़ की मिठास और पतंगों की ऊँचाई से भरा रहे।”
- “सूर्य की किरणें आपके जीवन को उज्ज्वल और समृद्ध बनाएँ।”
- “मकर संक्रांति का यह पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाए।”
- “आपके परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे।”
Opinion
दोस्तों, अब अंत में हमारा ओपीनियन, मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह त्योहार हमें प्रकृति, परिवार और समाज से जुड़ने की प्रेरणा देता है। आइए, इस मकर संक्रांति को प्यार, खुशी और दान-पुण्य के साथ मनाएँ। Read about JEE mans 2025, Schedule, syllabus & pattern.
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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Makar Sankranti 2025 Celebration
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सेवा निवृत्त प्राचार्य। उम्र 63 वर्ष, शिक्षा के क्षेत्र में 40 वर्ष का अनुभव। 15 वर्ष प्राचार्य के रूप में कार्यानुभव। साहित्य, संस्कृति, कला पर लेखन का 30 वर्ष का अनुभव।