अभिनेता देव आनंद की फिल्म गाइड के गाने अनोखी कहानी
First view: अभिनेता देव आनंद की फिल्म गाइड गाने अनोखी कहानी Year 1965 की बात है, जब हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता देव आनंद अपनी बहुचर्चित फिल्म ‘गाइड’ बना रहे थे। यह फिल्म न केवल अपनी कहानी के लिए बल्कि अपने संगीत के लिए भी हमेशा याद की जाती है। इस फिल्म का संगीत तैयार करने की जिम्मेदारी उस समय के दिग्गज संगीतकार एसडी बर्मन को सौंपी गई थी। लेकिन फिल्म निर्माण के दौरान एक अप्रत्याशित घटना ने पूरी प्रक्रिया को रोक दिया। You are reading article, Dev Anand Guide Song.
Dev Anand Guide Song
एसडी बर्मन का स्वास्थ्य और देव आनंद का फैसला
फिल्म की शुरुआत के कुछ समय बाद एसडी बर्मन को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ा।
उनकी स्थिति गंभीर थी और उन्हें लंबे समय तक आराम और इलाज की जरूरत थी।
ऐसे मुश्किल समय में देव आनंद ने अपने संगीतकार के लिए एक बड़ा फैसला लिया।
उन्होंने फिल्म की शूटिंग को छह महीने के लिए टाल दिया।
उनका कहना था कि फिल्म का संगीत सिर्फ बर्मन दादा ही तैयार करेंगे।
इस फैसले से यह जाहिर हुआ कि देव आनंद न केवल एक कलाकार थे, बल्कि अपने सहयोगियों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और सम्मान रखने वाले व्यक्ति भी थे। उस समय कई बड़े निर्देशकों ने एसडी बर्मन से काम वापस ले लिया था और अन्य संगीतकारों को दे दिया था।
लेकिन देव आनंद ने ऐसा नहीं किया।
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बर्मन दादा की वापसी और संगीत की रचना
कुछ समय बाद एसडी बर्मन स्वस्थ होकर लौटे और उन्होंने फिल्म के संगीत पर काम शुरू किया।
ऐसा माना जाता है कि उन्होंने सिर्फ पांच दिनों के भीतर ‘गाइड’ के सभी गानों की रचना कर दी।
यह उनकी प्रतिभा और समर्पण का उदाहरण था।
देव आनंद ने उनके सभी गानों को तुरंत स्वीकृति दे दी, सिवाय एक गाने के।
यह गाना था ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’। इस गाने की धुन को लेकर देव आनंद पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे।
उदयपुर में गाने की शूटिंग और देव आनंद का संशय
इस गाने की शूटिंग उदयपुर में हुई। देव आनंद ने इसे रिकॉर्ड तो करवा लिया, लेकिन वह इस गाने से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने अपने साथियों और निर्देशक विजय आनंद से इस पर चर्चा की। विजय आनंद ने सुझाव दिया कि फिलहाल इसे शूट कर लेते हैं और अगर यह फिल्म में सही नहीं लगेगा, तो इसे बदल दिया जाएगा।
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गाने की शूटिंग के दौरान एक दिलचस्प बात हुई। Dev Anand ने नोटिस किया कि सेट पर मौजूद हर व्यक्ति इस गाने को गुनगुना रहा था। होटल से लेकर शूटिंग लोकेशन तक, हर कोई इस गाने में खोया हुआ दिखता था। धीरे-धीरे देव आनंद को एहसास हुआ कि यह गाना वास्तव में दर्शकों के दिलों को छूने वाला है।
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संगीत और शैलेंद्र की कलम
‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ का संगीत बेहद खास था।
इसे कहरवा ताल में तैयार किया गया था, जो श्रोताओं को तुरंत आकर्षित करता है। इस गाने के बोल लिखे थे मशहूर गीतकार शैलेंद्र ने। This is Dev Anand Guide song creation process.
इस गाने की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसमें मुखड़े और अंतरों की धुन एक जैसी थी।
आमतौर पर फिल्मी गानों में मुखड़ा और अंतरा अलग-अलग धुनों में बनाए जाते हैं। लेकिन यहां एसडी बर्मन ने एक अनूठा प्रयोग किया। उन्होंने एक ही धुन पर पूरा गाना तैयार किया।
यह प्रयोग इतना सफल रहा कि यह गाना हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार गानों में शामिल हो गया।
गाने की अमरता
‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ भारतीय संगीत का एक ऐसा गाना है, जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। इसके बोल और धुन हर किसी को प्रेरित करते हैं।
यह गाना न केवल उस दौर का सुपरहिट था, बल्कि आज भी इसे गुनगुनाने वालों की कमी नहीं है।
इस गाने ने यह भी साबित किया कि संगीत में innovation और experiment का कितना महत्व है।
इस गाने की सफलता का श्रेय सिर्फ एसडी बर्मन और शैलेंद्र को ही नहीं, बल्कि देव आनंद के उस फैसले को भी जाता है, जिसमें उन्होंने बर्मन दादा पर अटूट विश्वास दिखाया।
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एसडी बर्मन का संगीत में योगदान
एसडी बर्मन ने अपने करियर में कई यादगार गाने दिए, लेकिन ‘गाइड’ के गाने उनकी उत्कृष्ट कृतियों में से एक हैं। उनकी संगीत शैली में (Guide movie song making journey) भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक धुनों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है।
उनकी धुनें न केवल मन को शांति देती हैं, बल्कि दिल को गहराई से छूती हैं।
देव आनंद की सोच और फिल्म ‘गाइड’
फिल्म ‘गाइड’ न केवल एक सफल फिल्म थी, बल्कि यह भारतीय सिनेमा की एक मील का पत्थर भी साबित हुई।
इसमें देव आनंद की दूरदर्शिता, निर्देशक विजय आनंद की उत्कृष्ट निर्देशन शैली, और एसडी बर्मन के संगीत ने इसे अमर बना दिया।
Opinion
अंत में हमारा ओपीनियन,देव आनंद और एसडी बर्मन की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची प्रतिभा पर भरोसा और धैर्य रखना हमेशा सफलता की ओर ले जाता है। SD Burman and Guide movie songs ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ न केवल एक गाना है, बल्कि यह उस समय की मेहनत, समर्पण और नवाचार का प्रतीक भी है।
यह गाना और इसके पीछे की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कभी-कभी जिन चीजों पर हमें संशय होता है, वही सबसे बड़ी सफलता बन सकती हैं। Today’s classic Hindi songs Guide आज भी हर संगीत प्रेमी के दिल में बसा हुआ है और हमेशा रहेगा। Above is Story behind Dev Anand Guide song.
‘आज फिर जीने की तमन्ना है’, सिनेमा और संगीत का एक ऐसा अमर उदाहरण है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमें प्रेरित करता रहेगा।
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साभार: अभिनेता देव आनंद की इमेंज से https://commons.wikimedia.org/ साभार ली गई है।
सेवा निवृत्त प्राचार्य। उम्र 63 वर्ष, शिक्षा के क्षेत्र में 40 वर्ष का अनुभव। 15 वर्ष प्राचार्य के रूप में कार्यानुभव। साहित्य, संस्कृति, कला पर लेखन का 30 वर्ष का अनुभव।