महेन्द्र कपूर: भारतीय संगीत के अमर गायक
First view: मित्रों, महेंद्र कपूर, जिन्हें ‘भारत की जीवंत आवाज़’ कहा जाता है, भारतीय संगीत जगत के एक ऐसे सितारे थे जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से करोड़ों दिलों को जीता। उनका जन्म 9 जनवरी, 1934 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। बचपन से ही संगीत में रुचि रखने वाले महेंद्र कपूर पर मोहम्मद रफी का गहरा प्रभाव था। रफी को वे अपना गुरु मानते थे, और उनके शुरुआती गानों में यह प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। आप पढ़ रहे हैं, Mahendra Kapoor Biography Hindi.
संगीत की शिक्षा और शुरुआती सफर
Mahendra Kapoor Biography Hindi
Mahendra Kapoor life story Hindi : महेंद्र कपूर ने शास्त्रीय संगीत की तालीम पंडित हुस्नलाल, पंडित जगन्नाथ बुआ, उस्ताद नियाज अहमद खान, अब्दुल रहमान खान और तुलसीदास शर्मा जैसे दिग्गज गुरुओं से ली। शास्त्रीय संगीत ने उनकी गायकी को एक मजबूत आधार दिया।
इसके बाद उन्होंने अपनी गायकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मुंबई का रुख किया
उनके करियर में बड़ा मोड़ तब आया, जब उन्होंने 1957 में ‘मेट्रो मर्फी ऑल इंडिया गायन प्रतियोगिता’ जीती।
इस प्रतियोगिता के जज प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद अली थे।
प्रतियोगिता जीतने के बाद, उन्हें फिल्म ‘सोहनी महिवाल’ में गाने का मौका मिला।
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पहला ब्रेक और प्रसिद्धि
महेंद्र कपूर को असली पहचान वी. शांताराम की फिल्म ‘नवरंग’ से मिली।
इस फिल्म में उनका गाया गीत ‘आधा है चंद्रमा रात आधी’ बेहद लोकप्रिय हुआ। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उनकी आवाज में देशभक्ति, रोमांस, और दर्द का ऐसा संगम था जो सीधे दिलों को छू जाता था।
देशभक्ति गीतों का पर्याय
महेंद्र कपूर का नाम आते ही देशभक्ति गीतों की यादें ताजा हो जाती हैं। उनका गाया गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ आज भी हर भारतीय को गर्व महसूस कराता है। This is famous Mahendra Kapoor famous patriotic songs. उनकी आवाज़ ने देशभक्ति के गीतों को नई पहचान दी। इसके अलावा, उन्होंने ‘चलो एक बार फिर से’, ‘नीले गगन के तले’ जैसे गानों से अपनी गायकी की विविधता को साबित किया।
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गानों की विविधता और खासियत
महेंद्र कपूर पहले भारतीय गायक थे जिन्होंने अंग्रेजी गाना रिकॉर्ड किया।
उन्होंने हिंदी के साथ-साथ मराठी, पंजाबी और अन्य भाषाओं में 25,000 से भी अधिक गाने गाए।
उनकी आवाज़ की मिठास और प्रभावशीलता ने उन्हें हर भाषा के श्रोताओं के दिलों में जगह दी।
उनकी जोड़ी संगीतकार रवि के साथ बेहद सफल रही।
उन्होंने ‘नीले गगन के तले’, ‘तुम अगर साथ देने का वादा करो’ जैसे कई यादगार गाने दिए।
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फिल्मी सफर और बी. आर. चोपड़ा के साथ जुड़ाव
महेंद्र कपूर ने बी. आर. चोपड़ा की फिल्मों में कई यादगार गीत गाए। ‘धूल का फूल’, ‘गुमराह’, ‘वक्त’, ‘हमराज’ और ‘धुंध’ जैसी फिल्मों में उनके गाए गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इसके अलावा, उन्होंने मनोज कुमार की फिल्मों में ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसे सुपरहिट गानों को अपनी आवाज दी। Mahendra Kapoor songs list Hindi is long.
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टीवी धारावाहिकों में योगदान
महेंद्र कपूर ने बी. आर. चोपड़ा के प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक ‘महाभारत’ के शीर्षक गीत और श्लोकों को गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी आवाज़ ने धारावाहिक के माहौल को और भी प्रभावशाली बना दिया।
पुरस्कार और सम्मान
महेंद्र कपूर को उनकी उत्कृष्ट गायकी के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले। उनकी आवाज़ और संगीत के प्रति योगदान को देशभर में सराहा गया।
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व्यक्तिगत जीवन और विरासत
महेंद्र कपूर का परिवार उनकी ताकत था। उनकी पत्नी, तीन बेटियां और बेटा रोहन कपूर उनके परिवार का हिस्सा थे। रोहन कपूर ने भी फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली।
महेंद्र कपूर ने अपने जीवन में कठिन चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से भारतीय संगीत में एक अलग पहचान बनाई।
जीवन के अंतिम दिन
महेंद्र कपूर का 27 सितंबर, 2008 को निधन हो गया, लेकिन उनकी आवाज़ आज भी अमर है। उनके गाए गीत हर पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को जो ऊंचाई दी, वह हमेशा याद रखी जाएगी।
Opinion
अंत मे हमारा ओपीनियन, महेंद्र कपूर भारतीय संगीत जगत के ऐसे सितारे हैं जिनकी गायकी का प्रभाव पीढ़ियों तक रहेगा। उनके गाने सिर्फ गीत नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम हैं। उनकी आवाज़ ने न केवल फिल्मों को, बल्कि भारतीय संस्कृति को भी समृद्ध किया। महेंद्र कपूर का योगदान संगीत प्रेमियों के दिलों में सदैव जीवित रहेगा This is Mahendra Kapoor career highlights.
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सेवा निवृत्त प्राचार्य। उम्र 63 वर्ष, शिक्षा के क्षेत्र में 40 वर्ष का अनुभव। 15 वर्ष प्राचार्य के रूप में कार्यानुभव। साहित्य, संस्कृति, कला पर लेखन का 30 वर्ष का अनुभव।