अटल बिहारी वाजपेयी: एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व
First view : भारत में 25 दिसंबर का दिन विशेष रूप से यादगार है। यह न केवल प्रभु यीशु मसीह का जन्मदिवस है, बल्कि इस दिन भारत के महान नेता, कवि और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म भी हुआ था। उनका जीवन प्रेरणा, सेवा, और समर्पण का प्रतीक है। You are reading shri Atal bihari bajpai ji : ek sampoorn vyaktitv.
shri Atal bihari bajpai ji : ek sampoorn vyaktitv
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक और कवि थे, जिन्होंने अटल जी को साहित्य और संस्कारों की अनमोल धरोहर दी। वाजपेयी जी ने प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से प्राप्त की और बाद में कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया।
स्वतंत्रता संग्राम और प्रारंभिक संघर्ष
अटल जी का राष्ट्र के प्रति प्रेम बचपन से ही स्पष्ट था। भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण 1942 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए पत्रकारिता का सहारा लिया। उनकी लेखनी में राष्ट्रप्रेम और समाज सुधार की भावना झलकती थी।
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पत्रकारिता और साहित्य में योगदान
अटल जी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कविता और लेखन को माध्यम बनाया। उनकी कविताएँ समाज और राष्ट्र निर्माण की भावना से ओत-प्रोत थीं। उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन किया और पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास किया। उनकी प्रमुख रचनाओं में “मृत्यु या हत्या,” “कैदी कविराय की कुंडलियाँ,” और “अमर आग है” शामिल हैं।
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साहित्य और कवि हृदय
अटल जी एक महान कवि भी थे। उनकी कविताएँ सामाजिक और राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत थीं। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में “मृत्यु या हत्या,” “कैदी कविराय की कुंडलियाँ,” और “अमर आग है” शामिल हैं। उनकी कविताएँ संघर्ष, आशा और देशभक्ति से भरपूर हैं।
वैश्विक पहचान और साहित्य
अटल जी न केवल राजनीति के नायक थे, बल्कि एक कुशल कवि और साहित्यकार भी थे। उनकी कविताएँ जीवन, संघर्ष, और आशा से भरी हुई हैं। उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त आवाज दी और विश्व नेताओं के बीच अपनी छाप छोड़ी।
राजनीतिक यात्रा
1951 में अटल जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल हुए। उन्होंने 1957 में बलरामपुर से लोकसभा का चुनाव जीता। इसके बाद वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। उनके नेतृत्व में भारतीय राजनीति ने नई दिशा प्राप्त की।
प्रधानमंत्री के रूप में योगदान
अटल बिहारी वाजपेयी जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं:
- पोखरण परमाणु परीक्षण (1998): भारत को विश्व स्तर पर एक परमाणु शक्ति के रूप में पहचान दिलाई।
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना: देश में सड़कों का नेटवर्क सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम।
- आर्थिक सुधार: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलित विकास की शुरुआत।
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योगदान
अटल जी ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया।
उन्होंने कई देशों की यात्राएँ कीं और भारत की विदेश नीति को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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ओपीनियन Opinion
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन एक प्रेरणा है। वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक आदर्श व्यक्ति थे जिन्होंने साहित्य, राजनीति, और समाज सेवा में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। एक कवि, पत्रकार, और सच्चे देशभक्त थे। उनका जीवन हर व्यक्ति को सिखाता है कि सेवा, समर्पण, और ईमानदारी से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी जीवन यात्रा हर व्यक्ति को समर्पण और सेवा का संदेश देती है।
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चित्र साभार: उपरोक्त चित्र https://www.thesundayposts.com/ से साभार लिया गया है।